SSD क्या है? सॉलिड स्टेट ड्राइव क्या होता है?

SSD क्या है?

SSD यानी सॉलिड स्टेट ड्राइव यह एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है जो आपके डेटा को सुरक्षित रूप से स्टोर करता है और हमारे डाटा को लोड होने में इसकी स्पीड आम HDD के मुकाबले काफी ज्यादा होती है।

जब कि HDD की फाइल ट्रांसफर स्पीड 20 से 50 MBPS होती है, वहीं SSD में इसकी स्पीड 200 MBPS से लेकर 500 MBPS तक होती है।

अगर आप SATA SSD का उपयोग करते हैं या करना चाहते हैं तो उसमें आपके SSD को साटा केबल से कंप्यूटर में कनेक्ट किया जाता है जिससे आपको हाई स्पीड डाटा ट्रांसफर स्पीड मिलती है।

लेकिन अगर आप NVMe SSD का उपयोग करते हैं तो इसमें नहीं आपको कोई केबल की आवश्यकता है यह एक अल्ट्रा हाई स्पीड डेटा ट्रांसफर प्रदान करता है और इसकी साइज मी HDD के मुकाबले काफी छोटी होती है।

यह फ्लैश मेमोरी का उपयोग करके बनाई गई एक नई टेक्नोलॉजी है जैसे पेनड्राइव में होती है लेकिन इसकी स्टोरेज साइज ज्यादा होती है 128GB से लेकर 5TB तक की होती है। SSD की मुख्य खासियत इसकी तेज स्पीड, छोटी साइज और आसान इंस्टॉलेशन है।

SSD का संक्षिप्त इतिहास:

SSD टेक्नोलॉजी की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी, तब डेटा स्टोर करने के लिए फ्लैश मेमोरी का उपयोग किया गया था। लेकिन तब ये इतना लोग प्रिया नहीं हो पाई और इसकी लोकप्रियता साल 2000 के दशक में बढ़ी। और लोग इसका खूब इस्तेमाल करने लगे। 

1980 के दशक में पहली बार SSD की शुरुआत हुई और पहली बार IBM और सैमसंग जैसी बड़ी कंपनी ने फ्लैश मेमोरी ड्राइव आधारित स्टोरेज डिवाइस का प्रयोग किया लेकिन ये तब काफी महंगी और कम स्टोरेज प्रदान करती थी जैसे 1GB जितनी मेमोरी स्टोर होती थी।

साल 1991 में सैनडिस्क नाम की एक कंपनी ने फ्लैश मेमोरी कार्ड बाजार में पेश किया लेकिन ये बड़ी साइज में थे और इसमे SSD की सुरुवती तकनीक का उपयोग किया गया था।

2007 के आते ही दक्षिण कोरिया की मशहूर कंपनी सैमसंग ने पहली बार ग्राहकों के लिए SSD को लॉन्च किया, जिसका साइज भी छोटा और वजन में भी हल्का था और ये SATA इंटरफेस के साथ आने लगे, जिस से उपयोगकर्ता को काफी आसानी होने लगी।

2010 में SSD का और भी विकास होने लगा और टेक्नॉलजी और भी बेहतर होने लगी SATA III और PCIe जैसा नया इंटरफेस और SSD सपोर्टेड मदरबोर्ड बाजार में आने लगे जिससे इसकी डिमांड और भी बढ़ने लगी और खास करके SSD के उपयोग करता गेमर रहे हैं।

SSD के कारण गेमिंग में भी सुधार आया और कंप्यूटर की स्पीड पहले से अधिक हो गई। उसके बाद थोड़े सालो में ही NVMe (नॉन-वोलेटाइल मेमोरी एक्सप्रेस) और M.2 इंटरफ़ेस तकनीक का आगमन हुआ, जिस से SSDs का प्रदर्शन और इसकी समता बहुत बढ़ि।

2025 में यानी आज के समय में अगर आप नया लैपटॉप या कंप्यूटर खरीदते हैं तो पहले से ही एक SSD इंस्टॉल की हुई दी जाएगी और ऑपरेटिंग सिस्टम भी इसमें इनस्टॉल होता है जिससे आपके लैपटॉप या कंप्यूटर की बूट स्पीड ज्यादा होती है।

आज SSD की कीमत में काफी कमी आई है। पहले की तुलना में आज SSD की डिमांड बढ़ी है और इसका साइज 128GB से लेकर 5TB तक आपको बाजार में मिल जाएगा। 

SSD टेक्नोलॉजी ने डेटा स्टोरेज की गति को बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है और ये आने वाले 50 साल में HDD को खत्म कर देगा और SSD ही सभी जगह आपको देखने को मिलेगी।

और ये SSD आज के कंप्यूटर और लैपटॉप में प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस का काम करता है, जिसमें से आज HDD की डिमांड कम हो रही है और भविष्य की स्टोरेज टेक्नोलॉजी SSD को ही लोग पसंद करने लगे हैं।

SSD की मुख्य विशेषताएं:

SSD तकनीक डेटा को बहुत तेजी से पढता है और लिखता है, जिससे कंप्यूटर और लैपटॉप के शुरू होने की समता बढ़जाती है, SSD की मदद से कंप्यूटर चालू और बंद होने में सिर्फ 5-10 सेकंड का समय लगता है, जब HDD पर कंप्यूटर/लैपटॉप पर 10-15 मिनट का समय लगता है।

तेज गति:
SSD डेटा को बहुत तेजी से पढ़ा और लिखा जा सकता है, जिससे आपके कंप्यूटर या लैपटॉप की प्रदर्शन क्षमता में सुधार होता है। 

SSD की स्पीड का कारण, बूट टाइम (सिस्टम सिस्टम होने का समय) और प्लेयर लोड होने का समय बहुत कम हो जाता है। उदाहरण के लिए, एक SSD के क्लॉक HDD को बूट करने में कहीं भी अधिक समय लग सकता है।

पोर्टेबल और लंबे समय तक चलने वाला: 
SSD में कोई मूविंग पार्ट नहीं होता है और इसमें कोई लिक्विड नहीं होता है, उदाहरण से समझें तो HDD में एक मोटर होती है और उसमे एक डिस्क होती है जो हर बार बिजली की मदद से यह डिस्क घूमती रहती है।

लेकिन SSD में ऐसा कोई भी मूविंग पार्ट नहीं होता है, जिससे ये ज्यादा टिकाऊ और सरल होता है और कंप्यूटर/लैपटॉप को लोड करने में आसानी होती है। HDD संवेदनशील डिस्क होती है जो बिजली के एक झटके से उसे नुकसान पहुंच सकता है।

कम ऊर्जा खपत: 
SSD की बिजली की खपत HDD के मुकाबले बहुत कम होती है क्योंकि इसमें कोई मोटर नहीं होती और कोई घूमने वाला पार्ट नहीं होता है और लैपटॉप की बैटरी भी काम इस्तेमाल होती है।

SSD से कंप्यूटर और लैपटॉप के डाटा को रीड करने में आसानी होती है और बिजली भी कम इस्तेमाल होती है।

कम आवाज और कम गर्मी: 
SSD में कोई मोटर ना होने के कारण इसमें कोई आवाज या शोर नहीं होता है, इसके अलावा इसकी गर्मी भी कम होती है, जिससे कंप्यूटर और लैपटॉप गरम कम होता है। SSD में ज्यादा देर तक काम कर सकते है और बहुत समय बचता है।

कम आवाज और कम गर्मी: 
SSD की साइज काफी छोटी होती है और इस को ऐसा डिजाइन किया गया है जिस पर काम करना आसान होता है, SSD साइज में छोटी और वजन में हल्की होने के कारण ये ग्राहक को को आकर्षित करता है और कंप्यूटर और लैपटॉप का वजन भी कम करता है। ये पोर्टेबल और किफायती होती है।

निष्कर्ष:

SSD एक बहुत तेज़, सुरक्षित और टिकाऊ स्टोरेज डिवाइस है, इसका उपयोग कंप्यूटर/लैपटॉप के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है, बूट टाइम को और डेटा को तेजी से कॉपी करने और ट्रांसफर करने के लिए ये उचित डिवाइस है।

हालांकि इसकी कीमत ज्यादा होती है लेकिन समय के साथ-साथ इसकी कीमत में भी इजाफा होता रहता है। ये लम्बे समय तक चलने के लिए बनाया गया है और आने वाले समय में इसका ही उपयोग सभी कंप्यूटर डिवाइस में किया जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म