डोमेन नाम क्या है? डोमेन के बारे में खास जानकारी

डोमेन नाम क्या है?

डोमेन नाम एक उपयोगी चीज है जिस से आप किसी वेबसाइट को उसके नाम से याद रख सकते हैं, डोमेन नाम एक पहचान करता है जो इंटरनेट की किसी वेबसाइट या वेब पेज को एक खरीदने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

इस को एक तरह से वेबसाइट का पता भी कहा जा सकता है, जिसकी मदद से आप वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं और बड़ी आसानी से ढूंढ सकते हैं।

इस को एक तरह से वेबसाइट का पता भी कहा जा सकता है, जिसकी मदद से आप वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं और बड़ी आसानी से ढूंढ सकते हैं।

डोमेन नाम का कार्य क्या है:

डोमेन नाम का मकसद ये है कि किसी भी वेबसाइट को एक उद्देश्य, आसान और यादगार नाम देना है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद की वेबसाइट को बड़ी आसानी से याद कर सके।

उदाहरण के तौर पर मेरा ये ब्लॉग का नाम Hardik.biz है तो ये एक यादगार नाम हुआ, .biz एक डोमेन नाम है। 

इसी प्रकार .com, .in, .org भी हो सकता है ये वेबसाइट ओनर पर डिपेंड करता है कि उसने कौन सा डोमेन लिया है, ये एक अनोखा नाम होता है। इसे आप इंटरनेट का पता कह सकते हैं।

डोमेन नाम का इतिहास:

डोमेन नाम का इतिहास इंटरनेट से जुड़ा हुआ है जब इंटरनेट की शुरुआत हुई तब से, डोमेन नाम ये एक इंटरनेट टेक्नोलॉजी है जिससे वेबसाइट को पहचान ने के लिए डिजाइन किया गया है, जिस से आप वेबसाइट को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।

बिना डोमेन नाम वेबसाइट का नाम एक आईपी एड्रेस जैसा होता है जो संख्यात्मक होता है और ये याद रखना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए जब डोमेन नाम आईपी पर लगाया जाता है और सर्वर पर सेट किया जाता है तब ये एक यादगार और योग्य रूप लेता है।

सर्वप्रथम डोमेन नाम 1985 में पंजीकरण किया गया था, यह एक पहला डोमेन नाम था जो Symbolics.com सेथा, ये इंटरनेट पर पहला डोमेन नाम था जो रजिस्टर किया गया था जो आज भी सक्रिय है। 1980 के दशक के अंत तक डोमेन नाम का पंजीकरण शुरू हो गया और डोमेन नाम का बाजार विकसित हो गया।

1998 में विश्व भर में इंटरनेट की निगरानी रखने और सुरक्षित रखने के लिए एक नई संस्था की शुरुआत की गई, जिस संस्था का नाम ICANN (इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइंड नेम्स एंड नंबर्स) था, जो आज भी डोमेन नाम का दिशानिर्देश और स्थापना करता है और नए नियम भी लागू किए गए हैं। 

साल 2000 आते ही डोमेन नाम रजिस्ट्रेशन की संख्या में तेजी से वृद्धि होने लगी और नई और भी कई सारे एक्स्टेंशन आने लगे जैसे .in, .org, .edu, .net, .uk, आदि कंट्री डोमेन और TLD इसे कहा गया।

आजकल डोमेन नाम इंटरनेट और वेबसाइटों के लिए एक डोमेन नाम होना अनिवार्य है, आज 21 मी सदी में टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो चुकी है और इंटरनेट भी काफी विकसित हो चुका है।

डोमेन नाम अब सिर्फ वेबसाइट बनाने के लिए ही नहीं सीमित रहा बल्कि डोमेन खरीदने, बेचने और निवेश करने के लिए होने लगा है। डोमेन नाम एक तरह का सिस्टम और टेक्नोलॉजी है जिसका विकास इंटरनेट के साथ हुआ है और ये आज एक इंटरनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

आज के डिजिटल जमाने में ग्राहक ये मानते हैं कि एक वेबसाइट और अच्छा डोमेन नाम होना जरूरी है ताकि ग्राहक किसी भी बिजनेस पर आसानी से भरोसा कर सके।

आज के इस जमाने में कोई भी व्यवसाय और व्यक्ति के पास एक अपना पर्सनल या सामान्य डोमेन नाम होना चाहिए अगर नहीं है तो ये उनके व्यवसाय के लिए लाभहीन साबित हो सकता है।

बिना वेबसाइट के ग्राहक आपके बिजनेस पर भरोसा नहीं करता है। उदाहरण के तौर पर आज लोग ब्रांडिंग और वेबसाइट से चीजें खरीदने लगे हैं और जो ब्रांड अपनी अच्छी ऑनलाइन इमेज बनाता है उसका बिजनेस ज्यादा अच्छा चलता है। सिर्फ ऑनलाइन प्रेजेंट होना सब कुछ नहीं होता।

डोमेन नाम का प्रकार:

जेनेरिक टॉप-लेवल डोमेन (gTLD): ये एक सामान्य और लोकप्रिय टीएलडी होते हैं जैसे .com, .org, .net, इत्यादि।

कंट्री कोड टॉप-लेवल डोमेन (ccTLD): 
कंट्री डोमेन नाम एक देश के नाम के अनुरूप बनाया गया है जिस से पता चलता है कि कौन सी वेबसाइट किस देश की है।

कंट्री डोमेन में शामिल होता है .in (भारत), .uk (ब्रिटन), .us (अमरिका), .ca (कनाडा), .au (ऑस्ट्रेलिया), इत्यादि। लेकिन इसे कोई भी डोमेन किसी भी देश का व्यक्ति खरीद सकता है।

प्रायोजित शीर्ष-स्तरीय डोमेन (sTLD): 
यह एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाया गया है, जैसे .edu यानी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय के लिए और .gov जो की सरकारी संस्थान और सरकारी वेबसाइटों के लिए है।

द्वितीय-स्तरीय डोमेन (SLD): 
यह डोमेन नाम वही है जो टीएलडी डोमेन के पहले लिखा जाता है। इसको वेबसाइट के नाम और पहचान के रूप में उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए "google" "google.com" का दूसरा लेवल डोमेन है।

सब-डोमेन नाम (Subdomain): 
सब-डोमेन नाम जो कि टीएलडी डोमेन नेम खरीदने के बाद आप इसे सक्रिय कर सकते हैं। दर असल ये फीचर आपका सी पैनल जैसा सिस्टम आपको मुहैया कराता है। 

जिस से आप चाहें उतने सबडोमेन बना सकते हैं। उदाहरण के लिए mail.google.com यह google.com का एक सबडोमेन है, मेल इसका सबडोमेन हुआ।

डोमेन को कैसे पंजीकृत किया जाता है?
डोमेन नाम रजिस्टर करने के लिए आपको डोमेन नाम रजिस्टरर की जरूरत होगी, डोमेन नाम रजिस्टर करने वाली सर्विस कंपनी होती है जो आपको सुविधा मुहैया कराती है।

जिसकी मदद से आप अपने लिए डोमेन नाम रजिस्टर करवा सकते हैं जिसके लिए आपको एक अकाउंट बनाना पड़ेगा और कुछ कीमत आपको चुकानी होगी और ये सिर्फ एक निश्चित समय के लिए ही होता है।

आप डोमेन को 1 साल के लिए और अधिकतम 10 सालो के लिए ख़रीदा जा सकता हैं। कुछ प्रमुख डोमेन नाम पंजीकरण कंपनी है जो इस प्रकार है, Godaddy, Bigrock, Hostinger, इत्यादि शामिल है।

निष्कर्ष:
डोमेन नाम इंटरनेट पर किसी भी एक वेबसाइट का पता होता है जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति आपकी वेबसाइट को उसके नाम से जान सकता है कि यह वेबसाइट किस प्रकार की है और उस के ब्रांड का नाम क्या है। डोमेन नाम इसलिए उपयोगी है क्योंकि ये वेबसाइट की ब्रांडिंग और पहचान को दिखाता है।

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